- Hindi News
- Business
- RBI Impact; Banks Ahead Of Non Banking Finance Companies NBFC In Auto And Housing Segment
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मुंबई7 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

कर्ज देने को लिहाज से नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) कुछ सेगमेंट में बैंकों से लगातार पिछड़ रहीं हैं। ब्रोकिंग कंपनी एम्के ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेस के मुताबिक इसकी मुख्य वजह बैंकों द्वारा मिल रहा सस्ता कर्ज है।
बैंकों से पिछड़ती नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां
रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो और हाउसिंग सेगमेंट में NBFC की तुलना में बैंक आगे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ग्राहकों को बैंकों से मिल रहे सस्ते और लंबी अवधि के लिए कर्ज है। इसी दौरान NBFC लगातार उन इलाकों में अपना अवसर तलाश रही हैं जहां बैंकों की पहुंच नहीं है। इसमें व्हीकल फाइनेंस, सस्ते घर और छोटे MSME शामिल है। साथ ही ग्रोथ को बनाए रखने के लिए नए क्रेडिट सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं।
सस्ते घरों वाले कैटेगरी, व्हीकल लोन और MSME लोन में कर्ज की डिमांड बढ़ी
ब्रोकिंग कंपनी के मुताबिक NBFC के मैनेजमेंट और इंडस्ट्री एक्सपर्ट को उम्मीद है कि सभी सेक्टर में कर्ज की डिमांड बढ़ी है। इसमें नए हाउसिंग लोन खासकर सस्ते घरों वाले कैटेगरी, व्हीकल लोन और MSME लोन शामिल हैं।
स्क्रैपेज पॉलिसी को मंजूरी से ऑटो लोन बढ़ने की उम्मीद
स्क्रैपेज पॉलिसी को मंजूरी मिलने से ऑटो डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। ट्रैक्टर सेगमेंट के अलावा मीडियम और हैवी कमर्शियल वाहनों में अच्छी रिकवरी आई है। दो पहियाऔर तीन पहिया गाड़ियों के लिए जारी लोन असुरक्षित होता है, लेकिन पॉलिसी के बाद सेक्टर में कर्ज लेने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ने का अनुमान है।
RBI की सख्ती का भी असर
बैंकों की तुलना में NBFC के पिछड़ने की एक वजह कंपनियों पर RBI की सख्ती भी है, क्योंकि डिविडेंड पेआउट पर रोक लगाने की बात कही गई है। इसका नतीजा गवर्नेंस ढांचे में बदलाव और पारदर्शिता के रूप में देखने को मिलेगा। इससे क्रेडिट लागत और रकम की लागत में भी सुधार होगा।