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नई दिल्ली3 घंटे पहले
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बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी 2021 को कहा था कि आयुष मंत्रालय ने WHO की सर्टिफिकेशन योजना के तहत COVID-19 के इलाज में सहायक मेडिसिन के तौर पर कोरोनिल टैबलेट को सर्टिफिकेशन (मान्यता) दिया है
- जिस कार्यक्रम में कोरोनिल के लिए सर्टिफिकेशन का दावा किया गया, उसमें हर्षवर्धन भी मौजूद थे
- WHO ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसने COVID-19 के इलाज के लिए किसी पारंपरिक मेडिसिन को प्रमाणित नहीं किया है
पतंजलि के कोरोनिल टैबलेट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से सर्टिफिकेशन मिलने के झूठे दावे पर सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आश्चर्य जताया। IMA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिनकी मौजूदगी में इस टैबलेट को सर्टिफिकेशन मिलने का दावा किया गया था। पतंजलि ने इस टैबलेट के बारे में दावा किया है कि यह कोरोना संक्रमण के इलाज में कारगर है और यह दावा प्रमाणों पर आधारित है।
गौरतलब है कि WHO ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उसने COVID-19 के इलाज के लिए किसी पारंपरिक मेडिसिन की प्रभाविकता को प्रमाणित नहीं किया है। योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने 19 फरवरी 2021 को कहा था कि आयुष मंत्रालय ने WHO की सर्टिफिकेशन योजना के तहत COVID-19 के इलाज में सहायक मेडिसिन के तौर पर कोरोनिल टैबलेट को सर्टिफिकेशन (मान्यता) दिया है। बाद में पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये स्पष्टीकरण दिया था कि कोरोनिल को WHO GMP कंप्लायंट COPP सर्टिफिकेट केंद्र सरकार के ड्र्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दिया है। WHO किसी भी मेडिसिन को मान्यता देने का काम नहीं करता है।
IMA ने मंत्री से कोरोनिल क्लिनिकल ट्रायल पर जानकारी मांगी
IMA ने सोमवार को एक बयान में कहा कि देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते देश के लोगों के लिए एक झूठे और अप्रमाणित उत्पाद जारी करना कितना उचित है। क्या आप इस तथाकथित एंटी-कोरोना प्रॉडक्ट के तथाकथित क्लिनिकल ट्रायल के समय के बारे में जानकारी दे सकते हैं? देश को मंत्री से स्पष्टीकरण चाहिए। IMA नेशनल मेडिकल कमिशन से भी अनुरोध करेगा कि वह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आचार संहिता के खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन पर स्पष्टीकरण मांगे।
पतंजलि ने कोरोनिल के असर को पुष्ट करने वाली एक शोध भी जारी की थी
हरिद्वार की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने COVID-19 के इलाज में कोरोनिल के असर को पुष्ट करने वाली तथाकथित शोध भी जारी की थी। जिस कार्यक्रम में कोरोनिल के लिए आयुष मंत्रालय का सर्टिफिकेशन और शोध पत्र जारी किया गया, उसमें हर्षवर्धन भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में कंपनी ने यह भी कहा था कि यह COVID-19 के लिए उसका पहला प्रमाण आधारित मेडिसिन है।
पतंजलि ने पिछले साल 23 जून को आयुर्वेद आधारित कोरोनिल टैबलेट लांच किया था
पतंजलि ने अपने बयान में कहा था कि WHO की सर्टिफिकेशन योजना के तहत कोरोनिल को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के आयुष सेक्शन से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रॉडक्ट (CoPP) मिला है। हालांकि WHO साउथ-ईस्ट एशिया ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उसने COVID19 के इलाज के लिए किसी भी पारंपरिक मेडिसिन के असर को न तो प्रमाणित किया है और न ही उसकी समीक्षा की है। पतंजलि ने पिछले साल 23 जून को आयुर्वेद आधारित कोरोनिल टैबलेट लांच किया था।